एक पुराने दोस्त से सोच समझकर मिलने गए ..
और बातों बातों में युहीं कुछ बातें निकलीं ...
कुछ हल्की फुल्की बातें हुईं ,
अजनबियों के बीच जैसे होती हैं . .
मौसम और दीवारों की …
कुछ पतझड़ कुछ फुहारों की ,
फिर आदत से मजबूर ,
वही पुराना दस्तूर ,
उम्मीदों से कुछ सच भी कह डाला ,
और फिर पछताने का अपना अंदाज़ तो है ही निराला ..
जो सब पता था ,
वो फिर से कुछ इस तरह महसूस होने लगा …
सच भी अजीब है ,
थोडा वक़्त गुजर गया तो नया सा हो चला ...
फिर लगा जिनसे उलझनों के रिश्ते हैं
उनसे समझ की क्यूँ उम्मीद कर बैठे ,
जिनके रास्ते हमसे अलग थे ,
और ज़िन्दगी आसान ,
उन्हें क्या समझाएं और क्या समझे ..
जिन्होंने हमसे न अपने दुःख बाटें न ख़ुशी ,
जो हमें हमेशा दोस्ती की दुहाई दे देकर
ताने कसते रहे ,
और हम खुद को साबित करने के लिए
हर छोटे बड़े किस्से सुनाते रहे …
जब एहसास हुआ कि कुछ रिश्ते नाम के रह गए
तब खालीपन सा भर गया सारी यादों में ..
कैसे हमने बहुत कोशिश की थी ..
पर दूरियों में सब हार गए ……
अब सोचा की कुछ फैसले हम भी कर लें ..
उन्हें नहीं परवाह तो हम भी क्युं झेलें ..
कद्र करो तो यारों की कमी नहीं ,
बस यूँ समझो तुम नहीं ग़म नहीं ,
अब हम कभी ना यूँ ठगे जायेंगे ,
तुम्हारी नजरो में उठकर तुम्हे दिखायेंगे ...
अब तुम्हारा नाम उतने फक्र से न लेंगे कभी ,
जितना नाज़ था हमे तुमपे ..
उस दौर पे और तुम्हारी दोस्ती पर भी …
माना कि हमने गलतियां की हैं बहुत ,
पर तुमने तो और भी रहम किया ,
जब सोच समझकर हमसे ..
हमारी नादानी का बदला लिया ..
जो हुआ सो हुआ … ख़ुशी इस बात की है ..
तुम्हे मिल गयी आज़ादी और हमें दुगनी सजा ,
एक तुम्हारी नाराजगी और एक हमारी वफ़ा ,,
कुछ रिश्तों की उम्र होती है ,,
ये सबक हमे मिला …
दोस्ती उम्र भर की है ,,
और तुम “best friend”..
ऐसी कई कहानियों का
लम्बा चला था सिलसिला …
Dil ko choo gayi....ab samajh aa rahi hain jindagi aur uske rishte...seekhte seekhaate chale chalo..:)
ReplyDeleteThankyou sweety :) !!
ReplyDeleteawesome
ReplyDeleteThank you:) Who is this ?
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