कुछ दुःख ऐसे होते हैं ,
जिन्हें शब्द नहीं कह पाते,
हाव-भाव कह देते हैं ,
ये दुःख गहरे होते हैं ....
कभी भर जाते हैं,
कभी खली कर जाते हैं,
कभी कुछ पल की बात ,
कभी एक लम्बी रात ....
सब का अपना अपना मिजाज़ ,
कभी कहानी कभी अलफ़ाज़ ,
ज्यादातर तोड़ देते हैं,
या नए रिश्ते जोड़ देते हैं...
हमारी पहचान कराते हैं,
तुमसे और दोस्तों से मिलवाते हैं,
सबको मौका देते हैं,
यादे ताज़ा कर देते हैं,
सब दुःख अपने हो जाते हैं,
सब्र से दोस्ती करवाते हैं,
दुःख में तो सभी रो देते हैं,
हमारी तरक्की पे जो खुश हुए वो दोस्त होते हैं,
ये जानते हुए भी ,
सबकी ख़ुशी में चेहरा खिल नहीं पाता,
दुःख में जो रोया अक्सर वो ही हमदर्द बन जाता...
तुम्हारा दुःख बाँट पायें,
तो खुद को खुशनसीब समझें,
तुम्हें और कुछ तो हम क्या दें,
बस दुआ है की दुःख कम दें ...
कितना अच्छा हो अगर ये दुःख...
मेहमान बनके आते रहें,
बस सीख दें और जाते रहें.
ज़रूरत तो इनकी भी है मगर,
दूर से ही डराते रहें....
तुम्हें और भगवान को तो ,
हम ऐसे भी याद करते हैं,
अति हर चीज़ की बुरी होती है,
बस खुशियों का क़र्ज़ चुकाता रहे...
तुम फ़रिश्ते न होते ,
तो शायद हमे दुःख कम होते,
अब अगर कुछ करना है ,
तो हमेशा खुश रहा करो,
अपनी खुदाई का खामियाज़ा मत भरो !!!
very nice yaar!!!
ReplyDeletePS: dnt knew u r so good at hindi..spl the vocab part.. u too good going :)
Thanku deep :) .. shivam ne bola kya pakau speech hai:(
ReplyDelete@deep, I agree with u...
ReplyDelete@Richa, ab ek hindi dictionary bhi kharidni padegi yaar....
nice composition... \m/
ReplyDeleteThankyou AK and Sarabjeet!! :)
ReplyDelete